Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -26-Apr-2022 - गांव

छोटे से एक गांव में ,
गोरी के पांव में ,
पीपल की छांव में ।
अनजानी सी राहों में ,
झूल गया मैं बाहों में ,
डूबा ठंडी सी आहों में ।
अलख जला गई रातों में ,
प्यार की मीठी बातों में ,
झड़ी लगी बरसातों में ,
फंस गया में फसादों में।
माटी की सोंधी खुशबू में ,
गाढ़ के मुझको तंबू में ,
कर गई गोरी काबू में ।
गांव के जलते अलावों में ,
दूर से उठते लावों में ,
आ गए हम भी तावों में ,
जीना नहीं अभावों में ,
आना नहीं बहकावों में ।
पड़ गया मैं अवसादों में ,
भाषा सीखूं अनुवादों में ।
देख गौरी आके जीवन में,
धन दौलत की सौगातों में,
लाद दूंगा तुझे उपहारों में,
बातों को न उड़ा उपहासों में।।


प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा दिल्ली)

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17 Comments

Neha syed

27-Apr-2022 10:20 PM

Nice

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Abhinav ji

26-Apr-2022 11:47 PM

Very nice👍

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Shikha Arora

27-Apr-2022 12:43 AM

Thank you ji 🙏

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Renu

26-Apr-2022 10:41 PM

👍👍

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Shikha Arora

27-Apr-2022 12:42 AM

Thank you ji 🙏

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